Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई shiv chalisa lyricsl नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से Shiv chaisa विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
नमो नमो shiv chalisa in hindi जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥